- July 5, 2023
- Posted by: ekYojana
- Category: Uttarakhand
उत्तराखंड सरकार ने बच्चों के पालन पोषण और गरीब बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचाने के लिए काफी सारी खान दिन की चीजों को आंगनवाड़ी के जरिए उन बच्चों तक पहुंचाने की योजना तैयार की है। इस योजना के अंतर्गत जिन बच्चों का नाम आंगनवाड़ी केंद्रों में पंजीकृत है उन बच्चों को हफ् इस योजना के अंतर्गत जिन बच्चों का नाम आंगनवाड़ी केंद्रों में पंजीकृत है उन बच्चों को प्रत्येक सप्ताह में 2 दिन पोषक से भरपूर दूध पिलाया जाएगा। इस योजना के तहत आंचल डेरी से प्रत्येक उत्तराखंड की आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध का पाउडर उपलब्ध कराया जाएगा।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना का उद्देश्य
उत्तराखंड मुख्यमंत्री सरकार द्वारा जारी की गई आंचल अमृत योजना का मुख्य उद्देश्य प्राइमरी स्तर के सभी बच्चों को उत्तम गुणवत्ता वाले मिड डे मील के साथ-साथ विटामिन से भरपूर दूध भी उपलब्ध कराया जा सके ताकि छात्रों के पोषण स्तर में काफी हद तक सुधार किया जाए। उनके शारीरिक विकास को सही तरीके से करने और उसमें बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस योजना को प्रारंभ किया है।
उत्तराखंड सरकार ने मिड डे मील में बच्चों को दूध प्रदान करने की योजना भारत सरकार के सहयोग से चलाने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य है जिसे भारत सरकार से इस वित्तीय वर्ष में इस योजना को संपूर्ण करने के लिए वित्तीय सहायता दी गई है।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना की विशेषता
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी द्वारा 13 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना का शुभारंभ किया गया जिसके तहत बच्चों को उन्होंने दूध पिलाया। इस संपूर्ण कार्यक्रम के दौरान दुग्ध विकास मंत्री डॉ धन सिंह रावत भीम वहां पर मौजूद थे।
इस योजना का लाभ मुख्य रूप से उत्तराखंड में रहने वाले 7 लाख बच्चों को प्राप्त होगा। इस योजना के तहत सप्ताह के प्रत्येक अलग-अलग दिनभर कक्षा 1 से लेकर कक्षा आठवीं तक के बच्चों को विटामिन ए और विटामिन डी 2 फोर्टीफाइड युक्त दूध पिलाया जाएगा।
इस योजना को कुछ अलग रूप से तैयार किया गया है इसलिए इसकी खास बात यह है कि बच्चों को उनकी पसंद के अनुसार दूध दिया जाएगा जैसे विभिन्न प्रकार के फ्लेवर दूध के लिए उपलब्ध होंगे जिसमें चॉकलेट स्ट्रौबरी वनीला आदि। मुख्यमंत्री द्वारा प्रारंभ की गई आंचल अमृत योजना के अंतर्गत दूध की सप्लाई आंगनवाड़ी केंद्र राजकीय विद्यालय सहायता प्राप्त विद्यालय और मदरसों में भी की जाएगी।
छोटे बच्चों को जो प्राइमरी स्तर के बच्चे हैं उन्हें 100 मिलीलीटर जबकि उच्च प्राइमरी दर्जे में आने वाले बच्चों को 150 मिलीलीटर दूध प्रदान किया जाएगा। इस योजना में वितरित किया जाने वाला दूध उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत दूध का पाउडर स्कूलों को दिया जाएगा और यह पैकेट विद्यालय को उनकी मांग व आवश्यकता के अनुसार हर 3 महीने में पहुंचा दिए जाएंगे यानी 3 महीने का कोटा सरकार की तरफ से एक ही बार में स्कूल में पहुंचा दिया जाएगा।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना का बजट
इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए लगभग 12 करोड़ रुपए की राशि की आवश्यकता पड़ेगी। जिसमें भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों का ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है क्योंकि दोनों ने ही अपनी तरफ से छह छह करोड़ रुपए का योगदान इस योजना को सफल बनाने में दिया है।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना की निगरानी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा प्रारंभ की गई आंचल अमृत योजना में दूध की वितरण प्रक्रिया पर निगरानी और समीक्षा हेतु जनपद स्तर पर समिति का गठन किया गया है। मुख्य रूप से इस समिति में जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी डीएम द्वारा नामित अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा नामित अधिकारी सहायक निदेशक डेरी जिला अधिकारी अधिकारी बेसिक और माध्यमिक शामिल किए गए हैं।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना 2022 के लाभ
- मुख्यमंत्री द्वारा जारी की गई आंचल अमृत योजना के तहत बच्चों को पेट भर भोजन भी कराया जाएगा और उसके साथ दूध भी उपलब्ध कराया जाएगा ताकि छोटे बच्चों में पोषण की कमी बिल्कुल भी नहीं हो। जब बच्चों को मिड डे मील के दौरान अच्छा खाना दिया जाएगा तब वे शारीरिक रूप से विकसित हो सकेंगे जिससे वे अपने पढ़ाई में और अधिक ध्यान लगाने में सक्षम हो पाएंगे।
- आंचल अमृत योजना के अंतर्गत बच्चों को स्कूल में फ्लेवर्ड मीठा मिल्क पाउडर दिया जाएगा तो हर बच्चा खुशी से स्कूल भी आने के लिए प्रोत्साहित होगा।
- इस योजना के तहत दूध की मांग प्रदेश में बढ़ जाएगी जिससे उत्पादन पर भी ज्यादा जोर दिया जाएगा और इसका फायदा सीधा पशुपालकों को भी मिलेगा।
इस योजना को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए सरकार ने मैदानी क्षेत्रों में 8000 गाय पहाड़ के पशुपालकों तक पहुंचा दी है ताकि वे दुग्ध समूह को दूध की प्राप्ति के लिए सहायता कर सकें और समूहों की क्षमता का विस्तार भी किया जा सके जिसके लिए 24 करोड़ रुपए तथा पशुपालकों को चारा यातायात अनुदान के लिए 8 करोड रुपए की राशि प्रदान की गई है।