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विवरण

एन.ए.पी.एस. को भारत सरकार द्वारा वित्तीय, प्रौद्योगिकी और अन्य प्रोत्साहन प्रदान करने और देश में शिक्षुता को बढ़ावा देने के लिए अगस्त 2016 में शुरू किया गया था।
 
इस योजना के निम्नलिखित दो घटक हैं।
  1. निर्धारित वित्तीय प्रोत्साहन का25%हिस्सा(अधिकतम ₹1500/- प्रति माह प्रति शिक्षु)नियोक्ताओं को अदा करना।
  2. बुनियादीप्रशिक्षणलागत(अधिकतम ₹7,500 प्रति शिक्षु)अदा करना।
 

प्रमुख विशेषताऐं

  1. शिक्षुओं के लिए व्यापक विकल्प – अन्य योजनाओं के साथ एकीकरण – राज्य सरकार / केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित कोर्स जैसे कि पी.एम.के.वी.वाई., डी.डी.यू.-जी.के.वाई. आदि को शिक्षुता प्रशिक्षण से जोड़ा जाएगा। इन कोर्स को वैकल्पिक ट्रेडों का दर्जा दिया जाएगा और ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण के लिए प्रासंगिक प्रायोगिक सामग्री को संबंधित कोर्स अनुमोदन प्राधिकारी द्वारा शामिल किया जाएगा।
  2. प्रौद्योगिकी के माध्यम से कार्यान्वयन में आसानी – विशेष रूप से डिज़ाइन किये गए पोर्टल ‘www.apprenticeshipindia.org’ का उपयोग शिक्षुता प्रशिक्षण के संपूर्ण कार्यान्वयन को ऑनलाइन रूप में करने के लिए किया जाएगा। यह उम्मीदवारों, उद्योग, डी.जी.टी., आर.डी.एस.डी.ई., एन.एस.डी.सी., एस.ए.ए., एस.एस.डी.एम. और बी.टी.पी. जैसे सभी प्रमुख हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
  3. राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की भागीदारी – शिक्षुता अधिनियम के अनुसार, राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों और निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में शिक्षुता प्रशिक्षण की निगरानी संबंधित राज्य सरकारों द्वारा की जाती है। कार्यक्रम को लागू करने में राज्यों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि अधिकांश छोटे उद्योग और एम.एस.एम.ई. राज्य के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। इसलिए राज्यों और राज्य कौशल विकास मिशनों (एस.एस.डी.एम.) और जिला स्तर तक के अधिकारियों को भी सुधारों के प्रति संवेदनशील बनाना एक महत्वपूर्ण और प्राथमिकता का विषय हो जाता है। केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा प्रोत्साहित की जा रही जिला कौशल समितियों के लिए अपने जिले में शिक्षुता के अवसरों की पहचान करना और उनका उचित उपयोग सुनिश्चित करना अनिवार्य किया जाएगा।
  4. प्रमोटर और फैसिलिटेटर/थर्ड पार्टी एग्रीगेटर्स (टी.पी.ए.) – चूंकि इस योजना में कई हितधारक शामिल हैं, इसलिए शिक्षुओं को जुटाने, पोर्टल पर पोस्ट किए गए शिक्षुता अवसरों को लेकर प्रतिष्ठानों की मांग के हिसाब से शिक्षुओं की प्राथमिकताओं का ख़ाका बनाने, और बुनियादी प्रशिक्षण प्रदाताओं की पहचान करने में प्रतिष्ठानों की मदद करने में फैसिलिटेटर या थर्ड पार्टी एग्रीगेटर्स (टीपीए) की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

शिक्षुता प्रशिक्षण के ज़रिए

 
  1. आई.टी.आई. पास आउट व्यक्ति
    • बुनियादी प्रशिक्षण की अवधि – आवश्यक नहीं
    • प्रायोगिक प्रशिक्षण/ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण की अवधि – न्यूनतम 1 वर्ष और अधिकतम 2 वर्ष
  2. प्रशिक्षु जिन्होंने पी.एम.के.वी.वाई. / एम.ई.एस.-एस.डी.आई. कोर्स या राज्य सरकारों / केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित कोर्स पूरा कर लिया है
      • बुनियादी प्रशिक्षण की अवधि – आवश्यक नहीं
      • प्रायोगिक प्रशिक्षण/ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण की अवधि – न्यूनतम 1 वर्ष और अधिकतम 2 वर्ष
  3. स्नातक / डिप्लोमा धारक या किसी भी इंजीनियरिंग स्ट्रीम या मेडिकल या पैरामेडिकल में स्नातक / डिप्लोमा कर रहे व्यक्ति (शिक्षु जो एम.एच.आर.डी. द्वारा चलाए जा रहे एन.ए.टी.एस. के अंतर्गत नहीं आते हैं)
        • बुनियादी प्रशिक्षण की अवधि – आवश्यक नहीं
        • प्रायोगिक प्रशिक्षण/ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण की अवधि – अधिकतम 1 वर्ष
  4. स्नातक / डिप्लोमा धारक / 10 + 2 व्यावसायिक प्रमाण पत्र धारक या वो व्यक्ति जो कला या वाणिज्य या विज्ञान जैसे कि बी.ए., बी.एस.सी., बी.कॉम, एल.एल.बी. आदि में स्नातक / डिप्लोमा कर रहे हों।
          • बुनियादी प्रशिक्षण की अवधि – आवश्यक नहीं
          • प्रायोगिक प्रशिक्षण/ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण की अवधि – अधिकतम 1 वर्ष
  5. आई.टी.आई. के डुअल-लर्निंग मोड
          • बुनियादी प्रशिक्षण की अवधि – आवश्यक नहीं
          • प्रायोगिक प्रशिक्षण/ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण की अवधि – न्यूनतम 5 महीने और अधिकतम 9 महीने
  6. नए शिक्षु
        • बुनियादी प्रशिक्षण की अवधि – 3 महीने
        • प्रायोगिक प्रशिक्षण/ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण की अवधि – न्यूनतम 1 वर्ष और अधिकतम 2 वर्ष
 

फ़ायदे

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शिक्षुओं के प्रकार

  1. बुनियादी प्रशिक्षण
  2. ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण
 

शिक्षुओं की श्रेणियाँ

  1. ट्रेड शिक्षुता – 8वीं, 10वीं, 12वीं और बी.एस.सी. भी
  2. स्नातक शिक्षुता – (इंजीनियर और स्नातक व्यक्ति)
  3. तकनीशियन शिक्षुता – (डिप्लोमा धारक)
  4. तकनीकी शिक्षुता – (10 +2)
  5. वैकल्पिक ट्रेड शिक्षुता – (पांचवीं कक्षा और उससे ऊपर)
 

राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना के क्षेत्र

निर्दिष्ट ट्रेड:निर्दिष्ट ट्रेड वे सभी ट्रेड या व्यवसाय हैं जो सरकार द्वारा अधिसूचित किए गए हैं। वर्तमान में 259 निर्दिष्ट ट्रेड हैं जो शिक्षुता प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध हैं। इन सब की सूची शिक्षुता पोर्टल पर उपलब्ध है।
वैकल्पिक ट्रेड:वैकल्पिक ट्रेड वे सभी ट्रेड या व्यवसाय हैं जो नियोक्ता द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। ये ट्रेड इंजीनियरिंग या गैर-इंजीनियरिंग या प्रौद्योगिकी या किसी व्यावसायिक कोर्स के क्षेत्र में हो सकते हैं।
 
अन्य लाभ:
  1. सरकार नियोक्ताओं के साथ प्रशिक्षण की लागत साझा करके शिक्षुता प्रशिक्षण को बढ़ावा देगी।
  2. इस योजना के तहत, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, कौशल विकास पहल के तहत मॉड्यूलर रोजगार योग्य कौशल और राज्य सरकारों और केंद्र सरकारों द्वारा अनुमोदित अन्य कोर्स कवर किए जाएंगे।
  3. आवेदक आधिकारिक पोर्टल के माध्यम सेशिक्षुता सीटों और रिक्तियोंकी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।
  4. उम्मीदवारों को भी आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है।
  5. आधिकारिक पोर्टलशिक्षुता प्रशिक्षण की निगरानी भी करेगा।
  6. आधिकारिक पोर्टल के माध्यम सेसरकारी भागीदारी का ऑनलाइन भुगतानऔर क्लेम्स को ऑनलाइन जमाभी किया जा सकता है।
  7. राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना के तहत, सरकार बुनियादी प्रशिक्षण के लिए₹7,500 की लागत अदा करेगी।
  8. ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण लागत(₹1500 प्रति शिक्षु की अधिकतम सीमा के साथ)सरकार द्वारा अदा की जाएगी।

 

नोट:

इस योजना के तहत दो क्षेत्र, निर्दिष्ट ट्रेड और वैकल्पिक ट्रेड, होंगे।
 

पात्रता

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शिक्षु वह व्यक्ति है जिसने अधिनियम के तहत शिक्षुता प्रशिक्षण के लिए नियोक्ता के साथ शिक्षुता का अनुबंध किया है।
 
शिक्षुओं को निम्नलिखित श्रेणियों से लिया जा सकता है:
  1. आई.टी.आई. कोर्स से उत्तीर्ण प्रशिक्षु
  2. आई.टी.आई. के ड्यूल-लर्निंग मोड के तहत प्रशिक्षु
  3. प्रशिक्षु जिन्होंने पी.एम.के.वी.वाई./एम.ई.एस.-एस.डी.आई. कोर्स या राज्य सरकारों/केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित कोर्स पूरा कर लिया है।
  4. स्नातक / डिप्लोमा धारक या किसी भी स्ट्रीम में स्नातक / डिप्लोमा या 10 + 2 व्यावसायिक प्रमाणपत्र धारक (प्रशिक्षु जो एम.एच.आर.डी. द्वारा चलाए जा रहे एन.ए.टी.एस. के तहत कवर नहीं हैं)
  5. वे उम्मीदवार जिनके पास किसी ट्रेड के लिए आवश्यक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता है और उन्होंने कोई औपचारिक ट्रेड प्रशिक्षण नहीं लिया है (नए शिक्षु)
 
शिक्षुओं के लिए निम्नलिखित अनिवार्यताएं हैं:
  1. उसने 14 वर्ष की आयु पूरी कर ली है और अपरेंटिस अधिनियम, 1961 की अन्य आवश्यकताओं को पूरा करता/करती है।
  2. प्रत्येक शिक्षु को पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
  3. प्रत्येक शिक्षु के पास आधार संख्या होनी चाहिए।
  4. ट्रेड के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु, शैक्षिक और शारीरिक योग्यता होनी चाहिए।
 

अपवाद

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एम.एच.आर.डी. द्वारा चलाई जा रही एन.एटी.एस. के तहत आने वाले शिक्षु योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।

आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन
  1. राज्य और जिला आधारित शिक्षुता खोजें।
  2. अपनी प्रोफ़ाइल के आधार पर उपयुक्त शिक्षुता चुनें।
  3. कार्यक्रम के लिए उपलब्ध सीटों की संख्या देखें।
  4. चयनित शिक्षुता प्रशिक्षण के लिए उल्लिखित मानव संसाधन विभाग से संपर्क करें।
 

आवश्यक दस्तावेज़

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  1. आधार कार्ड
  2. चयनित ट्रेड के अनुसार आवश्यक दस्तावेज

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

बेसिक ट्रेनिंग का क्या मतलब है?

ऑन द जॉब ट्रेनिंग का क्या मतलब है?

मैं एमएचआरडी द्वारा प्रशासित एनएटीएस के तहत प्रशिक्षु हूं? क्या मैं पात्र हूँ?



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