2015 में, सरकार ने पूरे भारत में 18,000 गांवों को विद्युतीकृत करने के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डी.डी.यू.जी.जे.वाई.) शुरू की थी। गांवों के विद्युतीकरण के लिए केवल 10% घरों और सार्वजनिक क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों, पंचायत कार्यालय, औषधालयों और सामुदायिक केंद्रों को बिजली प्रदान करने की आवश्यकता है। शेष 90% निवासी इस परियोजना के अंतर्गत शामिल नहीं थे। लेकिन ‘सौभाग्य’ परियोजना इसे सुधारने का इरादा रखती है। इसका उद्देश्य बिना बिजली वाले सभी घरों में बिजली पहुंचाना है।
प्रमुख घटक
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- ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और गैर-कृषि उपभोक्ताओं को आपूर्ति की विवेकपूर्ण बहाली की सुविधा प्रदान करने वाले कृषि और गैर-कृषि फीडरों को अलग करना।
- वितरण ट्रांसफार्मरों/फीडरों/उपभोक्ताओं की मीटरिंग सहित ग्रामीण क्षेत्रों में उप-पारेषण और वितरण बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण और संवर्द्धन।
- आर.जी.जी.वी.वाई. के तहत सूक्ष्म ग्रिड और ऑफ ग्रिड वितरण नेटवर्क और ग्रामीण विद्युतीकरण पहले ही स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा किया जाना है।
मुख्य विशेषताएं:
- मौजूदा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आर.जी.जी.वी.वाई.) को डी.डी.यू.जी.जे.वाई.में समाहित कर दिया गया है।
- योजना के तहत सभी डिस्कॉम वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं।
- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (आर.ई.सी.) योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी होगी।