- September 14, 2023
- Posted by: ekYojana
- Category: Jharkhand
केंद्र हो या राज्य सरकार, वे जब किसानों के लिए कोई योजना शुरू करते हैं जैसे कि उन्हें आर्थिक सहायता देना हो, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर हो, बीज एवं उर्वरक वितरण हो या फिर कृषि लोन संबंधित हो, तो उसका लाभ किसानों को आसानी से पहुँच सके इस पर विशेष ध्यान दिया जाता है.
योजना का नाम | बिरसा किसान योजना |
राज्य | झारखंड |
लांच तारीख | अगस्त, 2021 |
लांच की गई | मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी द्वारा |
लाभार्थी | बिरसा किसान |
लाभ | यूनिक आईडी वितरण |
संबंधित विभाग | झारखंड कृषि विभाग |
बिरसा किसान योजना झारखंड क्या है
बिरसा किसान योजना किसानों को एक यूनिक आईडी प्रदान कर उनका पंजीकरण किया जायेगा. इस पंजीकरण के लिए सरकार द्वारा एक पोर्टल की भी शुरूआत की गई है. इस पोर्टल में किसानों को पंजीकृत कर उनके सारे रिकॉर्ड इसमें सुरक्षित किसे जायेंगे और उसके आधार पर किसानों को यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी. इसके बाद उस यूनिक आईडी के माध्यम से किसान किसी भी सरकारी योजना में दिए जाने वाले लाभ की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, क्योकि इस पोर्टल में किसानों की भूमि या फसल एवं उत्पादन की पूरी जानकारी शामिल की जाएगी.
बिरसा किसान योजना झारखंड उद्देश्य
झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई बिरसा किसान योजना का मुख्य उद्देश्य है यूनिक आईडी के माध्यम से किसानों को उनके लिए शुरू की गई योजनाओं का लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बनाना. साथ ही किसनों की आय में वृद्धि करना और उन्हें सुखी एवं समृद्ध बनाना है.
बिरसा किसान योजना झारखंड महत्वपूर्ण बिंदु
- दी जाने वाली सुविधा :- इस योजना के तहत किसानों को एक यूनिक आईडी वाला पहचान प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा जोकि एक चिप आधारित होगा.
- पहचान प्रमाण पत्र :- इस योजना के तहत किसानों के लिए जारी किये जाने वाले पहचान प्रमाण पत्र को प्राप्त करने के लिए किसानों को खुद को पंजीकृत करना होगा. और इसमें केवल वे किसान ही पंजीकृत कर सकते हैं जोकि सरकार द्वारा प्रमाणित किये गये हैं.
- पहचान प्रमाण पत्र में शामिल जानकारी :- इस पहचान प्रमाण पत्र में किसानों का सारा रिकॉर्ड मौजूद होगा. जैसे कि उनके आधार कार्ड, बैंक खाता की जानकारी, मोबाइल नंबर, उनके उत्पादन, जमीन एवं फसल आदि.
- बारकोड सुविधा :- किसानों को कौन कौन सी सरकार योजनाओं का लाभ मिल रहा है और किसका लाभ वह पहले प्राप्त कर चुके हैं, इन सभी चीजों की जानकारी का रिकॉर्ड रखने के लिए इसमें बारकोड सुविधा शुरू की गई है. इसमें एक अलग से सर्वर बनाया जायेगा और उसी में ये सारी जानकारी अपलोड की जाएगी. इससे किसानों के बारे में सभी जानकारी एक जगह एकत्रित हो जाएगी.
- पहचान प्रमाण पत्र का वितरण :- राज्य सरकार द्वारा किसानों को यूनिक आईडी वाला पहचान प्रमाण पत्र जारी करने के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र को काम दिया है.
- कुल लाभार्थी :- इस योजना के तहत सरकार कम से कम 58 लाख किसनों को लाभान्वित करने के लक्ष्य तय कर रही है. इस योजना को 3 चरणों में पूरा किये जाने का निश्चय किया गया है. ताकि देश के हर एक किसान को इसमें शामिल किया जा सके. कोई भी इसमें छूटे नहीं.
- कुल बजट :- ऐसा कहा गया है कि इस योजना के लिए राज्य सरकार ने लगभग 50 करोड़ रूपये का बजट का आवंटन किया है.
लाभ
- झारखंड सरकार की बिरसा किसान योजना के तहत राज्य के सभी किसानों को सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभ को प्राप्त करने में आसानी होगी.
- धोखाधड़ी एवं भ्रष्टाचार में कमी आयेगी, क्योकि इससे फ्रौड किसान, बिचौलिया और साथ ही धोखा धड़ी करने वाले लोगों पर नकेल कसी जा सकेगी और उनकी खराब उम्मीदों में पानी फेरा जा सकेगा.
- इस योजना के आने से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा साथ ही उनके विकास और समृधि में भी वृधि होगी.
- यह एक पहचान प्रमाण पत्र के रूप में काम करेगा. जिससे आपको अन्य पहचान दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी. इसी का इस्तेमाल आप किसी भी सरकारी कामों में कर सकते हैं.
बिरसा किसान योजना झारखंड पात्रता
- झारखंड के निवासी :– इस योजना में केवल झारखंड में निवास करने वाले लाभार्थी ही लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
- किसान :- इस योजना का लाभ केवल किसानों के लिए है. किसान इस योजना के तहत खुद को पंजीकृत कर इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
बिरसा किसान योजना झारखंड दस्तावेज
- आधार कार्ड :- इस पहचान प्रमाण पत्र के लिए खुद को पंजीकृत करने के लिए आपको अपने आधार कार्ड की आवश्यकता होगी.
- मोबाइल नंबर :- इसके अलावा आप जब अपना पंजीकरण करें तो आपको अपने मोबाइल नंबर की भी आवश्यकता होगी.
- बैंक खाता की जानकारी :- आवेदन के दौरान आपको अपने बैंक खाते की जानकारी भी देनी होगी. बैंक खाता की जानकारी के लिए आप बैंक पासबुक का उपयोग कर सकते हैं.
बिरसा किसान योजना झारखंड पंजीकरण
- किसानों को पंजीकृत करने के लिए उनका ई-केवाईसी किया जायेगा, जोकि राज्य में मौजूद प्रज्ञा केद्रों में किया जायेगा. यह इसलिए जरुरी होगा क्योकि इसमें केवल प्रमाणिक किसानों को ही पंजीकृत कर लाभान्वित किया जायेगा.