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Himachal Pradesh Moksh Dham Yojana: हिमाचल प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा राज्य के शमशान घाटों को विकसित करने के उदेश्य से हिमाचल मोक्षधाम योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के परंपरागत शमशान घाटों को सुविधायुक्त बनाया जायेगा, एवं शमशान घाटों को सनातन धर्म के अनुरूप बनाया जायेगा, इससे शव के दाह संस्कार के समय मृतक के परिवार को अंतिम क्षणों में एक अच्छा माहौल मिलेगा। इससे शमशान घाटों में दाह संस्कार में आने वाली समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। ताकि अंतिम समय में शव के दाह संस्कार में परिजन एक सुखद माहौल के साथ अपने प्रियजनों का अन्तिम संस्कार करते समय परेशानी मुक्त प्रक्रिया का अनुभव कर सकें।

राज्य सरकार ने राज्य के शमशान घाटों के काया कल्प के लिए ग्रामीण विकास विभाग के तत्वाधान में मोक्षधाम योजना शुरू की है ताकि शोकाकुल  परिजन अपने प्रियजनों के शरीर के पंच तत्वों के विलय की प्रक्रिया को धार्मिक परम्पराओं के अनुरूप निर्बिघ्न रूप से कर सकें तथा उन्हें स्थल पर सभी उचित सुविधाएं मिल सकें। नए मॉडल के मुक्तिधाम स्थल का निर्माण परंपरागत शमशान से कई अर्थों में भिन्न होने के साथ ही स्वच्छता का प्रतीक भी होगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार को धार्मिक विधिविधान तथा निर्विघन रुप से संस्कार स्थल पर सभी पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने के लिए मोक्षधाम योजना शुरु की है।

इस योजना के अन्तर्गत पिछले पांच सालों में सर्वाधिक 131 शमशान घाट कांगड़ा जिला में विकसित किए गए हैं। जिनमें दाह संस्कार, धार्मिक पूजन तथा अन्य अनुष्ठानों के लिए वर्तमान स्थल का विस्तार किया गया है। इसके अलावा ज़िलावार शमशान घाटों में विलासपुर(9), चम्बा(127), हमीरपुर(15), कांगड़ा (131), कुल्लु (49), मण्डी (82), शिमला(20), सिरमौर(7), सोलन(10) तथा ऊना में 27 परंपरागत शमशान घाटों को विकसित करके अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान की गई हैं ताकि नागरिक पूरे सम्मान मर्यादा, श्रद्धा से अपने प्रियजनों को अश्रपूर्ण विदाई दे सकें।

मोक्ष धाम योजना हिमाचल प्रदेश 2023

हिमाचल ग्रामीण विकास मंत्रालय की इस योजना से राज्य के सभी शमशान घाटों का आधुनिकीकरण किया जायेगा, साथ ही दाह संस्कार में भाग ले रहे लोगों को बैठने की व्यस्था भी की जाएगी। राज्य में इस योजना के शुरू होने से पहले भी पिछले 5 वर्षों के दौरान लगभग 1650 लाख रुपये इन कार्यों में खर्च किये गए है, इस राशि से प्रदेश के 477 शमशान घाटों का पुनर्निर्माण किया गया है, इन घाटों पर बैठने की व्यवस्था, बारिश के समय के लिए शेड भी बनवाये गए है।

मोक्ष धाम योजना के उदेश्य / मुख्य बिंदु

  • मोक्षधाम योजना के द्वारा प्रदेश के पुराने परंपरागत शमशान घाटों का पुनर्निर्माण किया जायेगा।
  • प्रदेश के सभी पंचायतों में मोक्षधाम बनाया जायेगा, जिसमे आधुनिक सुविधायुक्त रहेगा, इस योजना के अंतर्गत हिमाचल सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों में 477 शमशान घाटों का पुनर्निर्माण करवा लिया है, जिसके लिए कुल लगभग 1650 लाख रुपये खर्च किये गए है।
  • पिछले पांच वर्षों में इस योजना के अंतर्गत सबसे ज्यादा कांगड़ा जिले में 131 शमशान घाटों का निर्माण / विकसित किये गए है।
  • मोक्षधाम योजना के द्वारा अन्य जिलों जैसे – बिलासपुर में 9, चम्बा में 127 शमशान घाट, कांगड़ा (131), हमीरपुर (15), शिमला (20), कुल्लू (49), सिरमौर(7), सोलन(10), मंडी (82) एवं ऊना में 27 शमशान घाटों को विकसित करवाया गया है।
  • राज्य में प्रत्येक जिलों में औसतन 100 मोक्षधाम बनवाये जायेंगें, जिनमें बैठने के लिए बेंच की व्यस्था, बारिश के लिए शेड, अच्छा रास्ता एवं स्वच्छ जल आदि की व्यस्था की जाएगी।
  • मोक्षधाम के निर्माण कार्य नरेगा मजदूरों एवं राज्य योजना आदि के तहत करवाया जा रहा है।

    Himachal Pradesh Moksh Dham Yojana Highlights

    योजना का नाम मोक्ष धाम योजना
    संबधित राज्य हिमाचल
    शुरुआत 2020
    उदेश्य शमशान घाटों का पुनर्निर्माण।
    लाभार्थी हिमाचल के लोग।

    योजना के लिए आवेदन

    दोस्तों यह योजना व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं है, बल्कि यह एक सार्वजानिक स्कीम है, और इसका लाभ भी सार्वजानिक रूप से ही मिलेगा। सरकार द्वारा इस योजना के तहत शमशान घाटों का जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है। समाज के किसी भी परिवार के सदस्य का देहांत होने पर यहां बिना किसी समस्या के दाह संस्कार करवाया जा सकेगा।



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