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यूपी बाल श्रमिक योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा शुरू की गयी है। बाल श्रमिक योजना की घोषणा 12 जून 2020 शुक्रवार को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर की गयी। इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के उन सभी बच्चो को मिलेगा जो बाल श्रम कर रहे है। उन्हें स्कूल जाने में मदद मिलेगी और साथ ही सरकार हर महीने बालको को 1000 रूपये की छात्रवृति दी जायेगी और छात्राओं को हर महीने 1200 रूपये दिए जायेंगे। जिससे की उन्हें पढ़ने की उम्र में काम न करना पड़े। और बच्चे अपनी पढ़ाई भी पूरी कर सके। आज हम आपको उत्तरप्रदेश बाल श्रमिक विद्या योजना से जुडी सारी जानकारी साझा करेंगे आप आर्टिकल को अंत तक पढ़ें।

उत्तरप्रदेश बाल श्रमिक विद्या योजना 2023

सीएम योगी आदित्यनाथ जी ने 12 जून को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में बाल श्रमिक योजना का उद्घाटन किया। 2011 की जनगणना के अनुसार पहले चरण में 2000 बच्चो की सूची बनाई गयी है। 13 मंडलो के 20 जिलों में से इन बच्चो का चयन किया गया जिन्हे लाभ प्राप्त होगा। यानी की इन क्षेत्रो में 2011 की गणना के अनुसार इन जिलों में बाल श्रम अधिक होती है। इसलिए पहले इन राज्यों के बच्चो का चयन पहले चरण में कर दिया गया है।

इसके अलावा जो बच्चे कक्षा 8, कक्षा 9 और कक्षा 10 के बच्चे पास होंगे उन्हें 6 हजार रूपये प्रोत्साहन के रूप में दिए जायेंगे। और ध्यान दे पहले श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के लिए पहले कैश ट्रांसफर योजना चला रहे थे और इसके अंतर्गत बाल श्रमिकों को हर वर्ष 8 हजार रूपये और हर महीने 100 रूपये की छात्रवृति दी जाती थी सरकार ने इस योजना में बदलाव करके इसका इसे बाल श्रमिक विद्या योजना का नाम दे दिया।

उम्मीदवार ध्यान दें यहाँ हम आपको उत्तरप्रदेश बाल श्रमिक विद्या योजना के विषय में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहें है। आप इन जानकारियों को नीचे दी गयी सारणी के माध्यम से प्राप्त कर सकते है –

योजना का नाम बाल श्रमिक विद्या योजना
किसके द्वारा घोषणा की गयी सीएम योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा
लाभार्थी यूपी के छात्र और छात्राएं
विभाग श्रम विभाग
उद्देश्य हर एक बच्चा स्कूल जा सके
आवेदन अभी आवेदन की जानकारी नहीं
वर्तमान वर्ष 2023
छात्रों को राशि हर महीने 1000 रूपये
छात्राओं को राशि हर महीने 1200 रूपये

यूपी बाल श्रमिक विद्या योजना नयी अपडेट

हाल ही में कैबिनेट ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना को मंजूरी दे दी गयी है। इसी के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव द्वारा सभी जिलाधिकारियों को इस योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों को शीघ्र अतिशीघ्र दिलाने के लिए दिशा निर्देश भी दे दिए गए है। इस योजना के अंतर्गत उन बालकों को लाभ प्रदान किया जायेगा जिन्होंने 1 मार्च 2020 के पश्चात अपने माता-पिता या माता या पिता दोनों में से किसी एक को, या अपने अभिभावक को कोरोना महामारी के कारण खोया है। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी को 2500 रूपये हर महीने दिए जायेंगे और साथ ही उसकी बेहतर शिक्षा के लिए भी प्रोत्साहन दिया जायेगा। 12वीं पास छात्रों को आगे की पढाई के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

बाल श्रमिक विद्या योजना यूपी के उद्देश्य क्या है ?

जैसे की आप सब जानते ही है की देश में बहुत सारे बच्चे ऐसे है की जिनकी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण, या अनाथ होने के कारण काम करते है। जिससे की बच्चो को कम उम्र में काम करने पड़ते है और ऐसे में बच्चो का बचपन खराब हो जाता है और वे न तो अपने पढ़ाई कर पाते है और न ही अपना बचपन जी पाते है। इसी समस्या को देखते हुए यूपी सरकार ने ऐसे बच्चो के लिए बाल श्रमिक विद्या योजना की शरुआत की है। जिससे की छात्र को आर्थिक सहायता देकर उसका भविष्य उज्ज्वल कर सकते है।

इस योजना का यही उद्देश्य है की कोई भी बच्चा चाहे वो लड़की हो या लड़का हो वो बाल श्रम ना करे और स्कूल जा सके। यूपी सरकार की इस योजना से कही बच्चे लाभान्वित होंगे और उन्हें पढ़ने के लिए किसी से भी पैसे लेने की जरूरत नहीं होगी। और वे आर्थिक तंगी के कारण जबरदस्ती या मज़बूरी में काम करने के लिए विवश नहीं होंगे।

बाल श्रमिक विद्या योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज –

आवेदकों को उत्तर प्रदेश श्रमिक विद्या योजना का लाभ लेने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवध्यकता होगी। इस दस्तावेजों के आधार पर आप आसानी से आवेदन फॉर्म भर सकते है –

  • जन्म प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड
  • बच्चे का पासपोर्ट साइज फोटो
  • बैंक खाते का अकाउंट नंबर
  • मोबाइल नंबर

    UP Bal Shramik Vidya Yojana से मिलने वाले लाभ

    • बाल श्रम विकास योजना के अंतर्गत छात्र को हर महीने 1 हजार रूपये की राशि दी जाएगी
    • इस योजना के अंतर्गत बालिकाओं को पढ़ने के लिए हर माह 12,00 रूपये दिए जायेंगे।
    • उत्तर प्रदेश के कक्षा 8, कक्षा 9, कक्षा 10 में पास होने के बाद लाभार्थी विद्यार्थियों को आगे पढ़ाई की प्रोत्साहन के लिए 6 हजार रूपये दिए जायेंगे।
    • यदि माता पिता या फिर दोनों किसी लाइलाज रोग से पीड़ित हैं तो उनके बच्चों को चयन में प्राथमिकता दी जायेगी। इसके लिए लाभार्थियों को सीएमओ के द्वारा जारी प्रस्तुत करना होगा।
    • जो बच्चे बाल श्रम करते है उन्हें अब काम नहीं करना पड़ेगा और वे अपनी पढ़ाई आसानी से कर सकते है।
    • और यूपी सरकार ऐसे बच्चे को भी स्कूल भेजने में मदद करेगी जो बाल श्रमिक में नहीं आते है।
    • पहले चरण में इस योजना के अंतर्गत 2000 बच्चे ऐसे पाए गए है जो बाल श्रम करके अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे।
    • इस योजना से बहुत सारे बच्चो को लाभ प्रदान होगा।
    • हर जिले के 100 -100 बाल श्रमिकों को इस योजना के अंतर्गत रखा गया है।
    • योजना के कार्यान्वयन एवं श्रमिक बच्चों की पहचान श्रम विभाग के अधिकारीयों के सर्वेक्षण में स्थनीय निकायों ,ग्राम पंचायतों ,विद्यालय समिति परिषद एवं चाइल्ड लाइन के द्वारा किया जायेगा।
      UP Bal Shramik Vidya Yojana के लिए पात्रता
      • बाल श्रमिक उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए, जो चयनित 57 जिलों में रहते है।
      • इस योजना का लाभ 8 से 18 वर्ष के छात्र छात्राओं को मिलेगा।
      • जिन बच्चो के माता पिता नहीं है या कोई एक भी नहीं है तो वे भी इस योजना के पात्र है।
      • अगर बच्चो के माता -पिता बीमार रहते है तो वो भी योजना के पात्र होंगे।
      • यदि बच्चो के माता -पिता दोनों दिव्यांग है या दोनों में से कोई एक भी दिव्यांग है तो उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा।

      बाल श्रमिक विद्या योजना के लिए आवेदन कैसे करे ?

      आपको बता दे सरकार ने अभी इसके लिए आवेदन प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं दी है और न ही कोई ऑफिसियल लिंक इसके लिए जारी किया है। लेकिन यूपी सरकार ने घोषणा की है योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों के खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए जायेंगे। जब भी यूपी सरकार आवेदन से जुडी कोई भी जानकारी देती है तो हम आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से अपडेट कर देंगे।



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